Asli Shayarरूठे हुए अपनों को मना लूंगा एक दिनदिल का घर फिर से बसा लूंगा एक दिन by Real Shayari · 2 years ago · no comment 0 shares रूठे हुए अपनों को मना लूंगा एक दिनदिल का घर फिर से बसा लूंगा एक दिन लगने लगे जहाँ से हर मंज़र मेरा मुझेख़्वाबों का वो जहान बना लूंगा एक दिन अभी तो शुरुआत हुई है इस सफ़र कीबेरंग ज़िन्दगी में रंग सजा लूंगा एक दिन । Share this:TwitterFacebookLike this:Like Loading... PREVIOUSराहे रूकती हैं जब, ज़िन्दगी झुकती हैं तबसर झुकता है जब, वक़्त रुकता हैं तब 2 years ago NEXTतमन्ना छोड़ देते हैं… इरादा छोड़ देते हैं,चलो एक दूसरे को फिर से आधा छोड़ देते हैं। 2 years ago Related Articlesअक्सर लगता है कि सब कुछ हो गया बर्बाद | Real Shayari4 months ago इस दुनिया में कुछ नहीं होता है सच | Real Shayari4 months ago Door Rehna Aapka Humse Saha Nahi Jata1 year ago Leave a Reply Cancel reply Δ