तूने तो रुला कर रख दिया ए जिंदगी,
जा कर पूछ मेरी मां से कितने लाडले थे हम,
न जाने क्यों आज अपना घर मुझे अनजान सा लगता है,
तेरे जाने के बाद मां |
यह घर, घर नहीं बस मकान लगता है
 
                    Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
 
                    तूने तो रुला कर रख दिया ए जिंदगी,
जा कर पूछ मेरी मां से कितने लाडले थे हम,
न जाने क्यों आज अपना घर मुझे अनजान सा लगता है,
तेरे जाने के बाद मां |
यह घर, घर नहीं बस मकान लगता है
Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.