Asli Shayar, Zari, ग़म, ज़िन्दगी, तन्हाई, हिंदीरिश्तो से मुकर जाना दस्तूर है…. by Real Shayari · 2 years ago · no comment रिश्तो से मुकर जाना दस्तूर है दुनिया कामोहोब्बत जिन से हो जाये वो दिलो से नहीं जाते।
Asli Shayar, Zari, ग़म, ज़िन्दगी, तन्हाई, हिंदीख़ामोशी बढ़ गयी है इस्कदर….. by Real Shayari · 2 years ago · no comment ख़ामोशी बढ़ गयी है इस्कदरकी सन्नाटो की भी चीखे सुनाई पड़ती हैं।
Asli Shayar, Zari, ग़म, ज़िन्दगी, तन्हाई, हिंदीएक शोर है मुझ मैं…. by Real Shayari · 2 years ago · no comment एक शोर है मुझ मैंजो खामोश बहोत है।
Asli Shayar, Zari, ग़म, ज़िन्दगी, तन्हाई, दोस्ती, प्यार, सामान्यएक खलिश मेरे दिल….. by Real Shayari · 2 years ago · no comment एक खलिश मेरे दिल में कुछ यु रह गयीज़िन्दगी मैं ज़रा ज़िन्दगी कुछ कम रह गयी।
Asli Shayar, Zari, ज़िन्दगी, तन्हाईघर से दूर मैं…. by Real Shayari · 2 years ago · no comment घर से दूर मैं आसमा नापने निकलापर एक घोसला हर शाम याद आता है।
Asli Shayar, Zari, ग़म, ज़िन्दगी, दोस्ती, प्यार, सामान्य, हिंदीकोई सुबह हो ऐसी…. by Real Shayari · 2 years ago · no comment कोई सुबह हो ऐसी तेरा दीदार होकोई शाम तो ऐसी आये जो तू साथ हो।
Asli Shayar, Zari, ज़िन्दगी, तन्हाई, दोस्ती, सामान्य, हिंदीजब जबाब ख़ामोशी…… by Real Shayari · 2 years ago · no comment जब जबाब ख़ामोशी मैं हो तोलफ्ज़ो से उलझना क्यों।
Asli Shayar, Zari, ग़म, ज़िन्दगी, तन्हाई, दोस्ती, प्यार, हिंदीआप वापस आने की ….. by Real Shayari · 2 years ago · no comment आप वापस आने की जहमत मत करनानाक़द्रों को भूल जाना अत है हमें। 1Like2:59 pm