Month: May 2021

पत्थर के जिगर वालों ग़म में वो रवानी है
ख़ुद राह बना लेगा बहता हुआ पानी है

पत्थर के जिगर वालों ग़म में वो रवानी हैख़ुद राह बना लेगा बहता हुआ पानी है फूलों में ग़ज़ल रखना ये रात की रानी हैइस में तेरी ज़ुल्फ़ों की बे-रब्त…

ख़ुश रहे या बहुत उदास रहे
ज़िन्दगी तेरे आस पास रहे

ख़ुश रहे या बहुत उदास रहेज़िन्दगी तेरे आस पास रहे चाँद इन बदलियों से निकलेगाकोई आयेगा दिल को आस रहे हम मुहब्बत के फूल हैं शायदकोई काँटा भी आस पास…

काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो हमें यूँ रुसवा न किया जाता,

काश वो समझते इस दिल की तड़प को,तो हमें यूँ रुसवा न किया जाता,यह बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें,बस एक बार हमें समझ तो लिया होता।

काग़ज़ काग़ज़ हर्फ़ सजाया करता है,
तन्हाई में शहर बसाया करता है,

काग़ज़ काग़ज़ हर्फ़ सजाया करता है,तन्हाई में शहर बसाया करता है,कैसा पागल शख्स है सारी-सारी रात,दीवारों को दर्द सुनाया करता है,रो देता है आप ही अपनी बातों पर,और फिर खुद…

एक नजर भी देखना गंवारा नहीं उसे,
जरा सा भी एहसास हमारा नहीं उसे,

एक नजर भी देखना गंवारा नहीं उसे,जरा सा भी एहसास हमारा नहीं उसे,वो साहिल से देखते रहे डूबना हमारा,हम भी खुद्दार थे पुकारा नहीं उसे।

अगर ये ज़िद है कि मुझसे दुआ सलाम न हो,
तो ऐसी राह से गुज़रो जो राह-ए-आम न हो।

अगर ये ज़िद है कि मुझसे दुआ सलाम न हो,तो ऐसी राह से गुज़रो जो राह-ए-आम न हो। सुना तो है कि मोहब्बत पे लोग मरते हैं,ख़ुदा करे कि मोहब्बत…

हम दोस्ती एहसान वफ़ा भूल गए हैं ज़िंदा तो है जीने की अदा भूल गए हैं

हम दोस्ती एहसान वफ़ा भूल गए हैंज़िंदा तो है जीने की अदा भूल गए हैं ख़ुशबू जो लुटाती है मसलते हैं उसी कोएहसान का बदला यही मिलता है कली कोएहसान…

सबने मिलाया हाथ यहाँ तीरगी* के साथ
कितना बड़ा मज़ाक हुआ रोशनी के साथ

सबने मिलाया हाथ यहाँ तीरगी* के साथकितना बड़ा मज़ाक हुआ रोशनी के साथ शर्तें लगाईं जाती नहीं दोस्ती के साथकीजिये मुझे कुबूल मेरी हर कमी के साथ तेरा ख़याल, तेरी…

मेरी आँख को यह सब कौन बताने देगा
खवाब जिसके हैं वहीं नींद न आने देगा

मेरी आँख को यह सब कौन बताने देगाखवाब जिसके हैं वहीं नींद न आने देगा उसने यूँ बाँध लिया खुद को नये रिशतों मेंजैसे मुझ पर कोई इलज़ाम न आने…