Month: December 2023

Allama Iqbal Shayari | गर्म-ए-फ़ुग़ाँ है जरस उठ कि गया क़ाफ़िला

गर्म-ए-फ़ुग़ाँ है जरस उठ कि गया क़ाफ़िला वाए वो रह-रौ कि है मुंतज़़िर-ए-राहिला तेरी तबीअत है और तेरा ज़माना है और तेरे मुआफ़िक़ नहीं ख़ानक़ही सिलसिला दिल हो ग़ुलाम-ए-ख़िरद या…