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इंसान को बुलना सिखने में २ साल लग जाते है

by Real Shayari   ·  1 year ago   ·  
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इंसान को बुलना सिखने में २ साल लग जाते है
लेकिन कौन सा लफ्ज़ कहाँ बोलना है
ये सिखने में पूरी ज़िन्दगी निकल जाती है
इंसान को बुलना सिखने में २ साल लग जाते है


ज़िन्दगी की किताब में इतनी गलतियाँ ना करो
के पैन्सील से पहले रबड़ खत्म हो जाये
और तौबा करने से पहले ज़िन्दगी खत्म हो जाये

वक़्त के एक तमाचे की देर है साहेब
मेरी फकीरी भी किया तेरी अमेरि भी किया

कैनात की सब से महंगी चीज़ अहेसास है
जो दुनिया का हर इंसान के पास नहीं होती

कोई न कोई कही न कही अपनी ज़िन्दगी के लिए लड़ रहा है
और ये ज़िन्दगी तुम्हारे पास मौजोद है
तो इस ज़िन्दगी को किसी अच्छे और किसी के काम आने में लगा दो

समझ ना आया ज़िन्दगी ये तेरा फैसला
एक तरफ टगो कहती है सब्र का फल मिठाई होता है
और दूसरी तरफ तो कहती है वक़्त किसी का इंतज़ार नहीं करता

ज़िन्दगी का अपना रंग है
दुःख वाली रात सोया नही जाता
और ख़ुशी वाली रात सुने नहीं देती

मैंने ज़िन्दगी में एक ही बात सीखी है
के इंसान को कोई चीज़ हरा नहीं सकती
जब तक वो खुद हार ना मान ले

ज़िन्दगी में जो चाहे हासिल करलो बस
इतना ख्याल रखना के आपकी मंजिल का रास्ता
कभी लोगो के दिलों को तोड़ता हुवा न गुज़रे

लोगो से सुना है मोहब्बत आँखों से शुरू होती है
वो लोग भी दिल तोड़ जाते है जो पल्खें तक नहीं उठाते

सब को प्यारी है ज़िन्दगी लेकिन
तुम मुझे ज़िन्दगी से भी प्यारे लगते हो

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