नशे में भी तेरा नाम लब पर आता है
चलते हुए मेरे पाँव लड़खड़ाते हैं
दर्द सा दिल में उठता है मेरे
हसीं चेहरे पर भी दाग नजर आता है
सच्चा प्यार किसी भूत की तरह होता है
बातें तो सब करते है देखा किसी ने नहीं

मत पूछ ये की मैं तुझे भुला नहीं सकता
तेरी यादों के पन्ने को मैं जला नहीं सकता
संघर्ष यह है कि खुद को मारना होगा
और अपने सुकून की खातिर तुझे रुला नहीं सकता
तुम नहीं हो पास मगर तन्हाँ रात वही है
वही है चाहत यादों की बरसात वही है
हर खुशी भी दूर है मेरे आशियाने से
खामोश लम्हों में दर्द-ए-हालात वही है

By Real Shayari

Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.

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