Month: November 2017

दिल अब दिल ना रहा सरकारी दफ्तर बन गया है

यह तेरी कैसी मोहब्बत है जालिम दिल अब दिल ना रहा सरकारी दफ्तर बन गया है ना कोई काम करने को ना किसी की बात सुनने को तैयार है

कभी उनको भी हमारा इंतज़ार तो होगा

कभी उनकी आँखों से इज़हार होगा दिल के किसी कोने में हमारे लिए भी प्यार तो होगा गुज़र रही है रात उनकी याद में कभी उनको भी हमारा इंतज़ार तो…

वक़्त सबको जीना सीखा देता है

ना कर तलाश मंजिलों की खुदा खुद ही मंजिल तक पहुंचा देता है यूँ तो मरते नहीं लोग किसी के लिए क्योकि वक़्त सबको जीना सीखा देता है