दिल अब दिल ना रहा सरकारी दफ्तर बन गया है

यह तेरी कैसी मोहब्बत है जालिम
दिल अब दिल ना रहा सरकारी दफ्तर बन गया है
ना कोई काम करने को
ना किसी की बात सुनने को तैयार है

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