Month: December 2017

अफ़सोस वो हमारी चाहत से बेखबर निकला

कितना अजीब अपनी जिंदगी का सफर निकला सारे जहाँ का दर्द अपना मुकद्दर निकला जिसके नाम अपनी जिंदगी का हर लम्हा कर दिया अफ़सोस वो हमारी चाहत से बेखबर निकला

ज़माने ने हमको दिया यही वफ़ा का सिला है

जिंदगी चाहत का सिलसिला है फिर भी जिसे चाहा वो कहा मिला है दुश्मनो से हमको कोई शिकायत नहीं अपनों ने ही लुटा बस इसी बात का गिला है जिसको…

क्युकी जिंदगी में सबक और साथ दोनों ही जरुरी है

सड़क कितनी भी साफ हो “धूल ” हो ही जाती है , इंसान की सोच कितनी भी अच्छी हो “भूल ” हो ही जाती है , अपनी जिंदगी में सबको…