आंसुओ की तरह बिछड़ जाते है लोग

कब साथ निभाते है लोग
आंसुओ की तरह बिछड़ जाते है लोग
वो जमाना और था जब रोते थे गैरो के लिए लोग
अब तो अपनों को ही रुलाकर मुस्कराते है लोग

Leave a Comment

%d bloggers like this: