मार ही डाल मुझे
मार ही डाल मुझे चश्म-ए-अदा से पहले अपनी मंज़िल को पहुँच जाऊं क़ज़ा से पहले इक नज़र देख लूँ आ जाओ क़ज़ा से पहले, तुम से मिलने की तमन्ना है…
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
मार ही डाल मुझे चश्म-ए-अदा से पहले अपनी मंज़िल को पहुँच जाऊं क़ज़ा से पहले इक नज़र देख लूँ आ जाओ क़ज़ा से पहले, तुम से मिलने की तमन्ना है…
मैं हूँ और साथ तेरी बिखरी हुई यादें हैं,क्या इसी चीज़ को कहते हैं गुज़ारा होना।वो मेरे बाद भी खुश होगा किसी और के साथ,मीठे चश्मों को कहाँ आता है…
सताया है वक्त ने मुझे बहुतमगर मैने भी वक्त को बर्बाद कम नहीं कियाजहां वक्त ने तक़दीर से मिलायामैंने तकदीर से वक्त को मिटाया हैबचपन में पढ़ाई से हुई लड़ाई…
डाली से टूटा *फूल* फिर सेलग नहीं सकता हैमगरडाली *मजबूत* हो तो उस परनया फूल *खिल* सकता है!!!उसी तरह *ज़िन्दगी* मेंखोये *पल* को ला नहीं सकतेमगर*हौसलें* व *विश्वास* सेआने वाले…
ख्वाइस तो यही है कितेरे बाँहों में पनाह मिल जाये,शमा खामोस हो जायेऔर शाम ढल जाये,प्यार इतना करे किइतिहास बन जाये,और तुम्हारी बाँहों सेहटने से पहले शाम हो जाये.
हम आपकी हर चीज़ से प्यार कर लेंगे,आपकी हर बात पर ऐतबार कर लेंगे,बस एक बार कह दो कि तुम सिर्फ मेरे हो,हम ज़िन्दगी भर आपका इंतज़ार कर लेंगे।
दीवानगी मे कुछ ऐसा कर जाएंगे।महोब्बत की सारी हदे पार कर जाएंगे,वादा है तुमसे दिल बनकर तुम धड़कोगेऔर सांस बनकर हम आएँगे।।
ऐ खुदा तूने सब कुछ हमें दिया मगर “दिल” क्यों दिया.ना दिल होता ना प्यार…ना ही रंजिशे होती, ना ही साजिशेंना ही कोइ ख्वाहिश होती और ना ही कोई नफ़रत…
बेवजह हम वजह ढूंढ़ते हैं तेरे पास आने को,ये दिल बेकरार है तुझे धड़कन में बसाने को,बुझती नहीं है प्यास मेरे इस प्यासे दिल की,न जाने कब मिलेगा सुकून तेरे…
नहीं जो दिल में जगह तो नजर में रहने दो,मेरी हयात को तुम अपने असर में रहने दो,मैं अपनी सोच को तेरी गली में छोड़ आया हूँ,मेरे वजूद को ख़्वाबों…