नहीं जो दिल में जगह तो नजर में रहने दो,
नहीं जो दिल में जगह तो नजर में रहने दो,मेरी हयात को तुम अपने असर में रहने दो,मैं अपनी सोच को तेरी गली में छोड़ आया हूँ,मेरे वजूद को ख़्वाबों…
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
नहीं जो दिल में जगह तो नजर में रहने दो,मेरी हयात को तुम अपने असर में रहने दो,मैं अपनी सोच को तेरी गली में छोड़ आया हूँ,मेरे वजूद को ख़्वाबों…
एक उम्र तमाम हुई उनके इंतज़ार मैंउसने आने का वादा किया हो ऐसा भी नहीं।
सबब लूटने का गर कोई पूछे तो ये कहनासाथ उनका न हो तो हमें जीना नहीं आता।
जाने ऐसी भी क्या तिश्नगी थी उनसेआखरी सांस थी और तसव्वुर उनके साथ का।
इजाज़त हो तो कुछ अर्ज़ करेंवो लूट कर भी हमें अमीर कर गया।
कुछ चाय सा इश्क़ है हमें आप सेन मिलो तो चैन नहीं आता।
कभी उतरो तो इश्क़ के दरिया मेंकी किनारो के मुसाफिर हम नहीं हैं।
ज़िन्दगी सच मैं अगर होती चार दिन कीदिलो को तोड़ने मैं इसे कोई न गवाता।
उलझा रहने दो मुझेयुहीं तुम्हारे दरमियानसुलझ गए हम अगर तोदूरियाँ दास्तां बुनेंगी।
अपना कहकर अपनापन दिखाकरप्यार जताकर वो कह गए खुश रहना………………..