दिल की धड़कन को अब एक लम्हा सबर नहीं
शायद अब उसको मेरी जरा भी कदर नहीं
हर सफर में मेरा कभी हमसफ़र था वो
अब सफर तो है मगर वो हमसफर नहीं

दिल की धड़कन को अब एक लम्हा सबर नहीं
शायद अब उसको मेरी जरा भी कदर नहीं
हर सफर में मेरा कभी हमसफ़र था वो
अब सफर तो है मगर वो हमसफर नहीं