एक जुर्म हुआ है हमसे
हम भी किसी को दिल दे बैठे है
अपना उसे समझ कर
सब भेद दे बैठे है
फिर उसके प्यार के लिए
दिल और जान गवा बैठे है
बहुत याद आते है वो
जो हमको भुला बैठे है
एक जुर्म हुआ है हमसे
हम भी किसी को दिल दे बैठे है
अपना उसे समझ कर
सब भेद दे बैठे है
फिर उसके प्यार के लिए
दिल और जान गवा बैठे है
बहुत याद आते है वो
जो हमको भुला बैठे है