Home » हिंदी » ज़िन्दगी » जो एक ही दुनिया में रहकर मिलने को तरसते है ज़िन्दगीतन्हाईप्यारसामान्यहिंदी जो एक ही दुनिया में रहकर मिलने को तरसते है Real Shayari February 1, 2018 49 Views 0 SaveSavedRemoved 0 खुशनसीब होते है बादल जो दूर रहकर भी जमीन पर बरसते है और एक बदनसीब हम है जो एक ही दुनिया में रहकर मिलने को तरसते है Share this:Click to share on Twitter (Opens in new window)Click to share on Facebook (Opens in new window) Related