खामोशियाँ ही बेहतर है जिंदगी के सफर में लफ्जों की मार ने कई घर तबाह किये Share this:TwitterFacebookLike this:Like Loading... Post navigation लम्हों की खुली किताब है जिंदगी लेकिन फिर से जीतने की उम्मीद जिन्दा रखो