प्यार के पन्नो से भरी एक किताब हो तुम

प्यार के पन्नो से भरी एक किताब हो तुम रिश्तों के बगीचे में गुलाब हो तुम जो लोग यह बोलते है कि प्यार सच्चा नहीं होता उन लोगो के सवालों…

ना जाने क्यों तेरा मिलकर बिछड़ना बहुत याद आता है

ना जाने क्यों तेरा मिलकर बिछड़ना बहुत याद आता है रो पड़ती हूँ में जब गुजरा जमाना याद आता है नहीं भूल पायी हूँ में अब तक तुझे क्या तुझको…

अफ़सोस वो हमारी चाहत से बेखबर निकला

कितना अजीब अपनी जिंदगी का सफर निकला सारे जहाँ का दर्द अपना मुकद्दर निकला जिसके नाम अपनी जिंदगी का हर लम्हा कर दिया अफ़सोस वो हमारी चाहत से बेखबर निकला

ज़माने ने हमको दिया यही वफ़ा का सिला है

जिंदगी चाहत का सिलसिला है फिर भी जिसे चाहा वो कहा मिला है दुश्मनो से हमको कोई शिकायत नहीं अपनों ने ही लुटा बस इसी बात का गिला है जिसको…