राह में चाहे जितने भी कांटे क्यों ना हौ

साथ अगर दोगे तो मुस्करायेंगे जरूर प्यार अगर दिल से करोगे तो निभायेंगे जरूर राह में चाहे जितने भी कांटे क्यों ना हौ आवाज दिल से लगाओगे तो आयंगे जरूर

दिल अब दिल ना रहा सरकारी दफ्तर बन गया है

यह तेरी कैसी मोहब्बत है जालिम दिल अब दिल ना रहा सरकारी दफ्तर बन गया है ना कोई काम करने को ना किसी की बात सुनने को तैयार है

कभी उनको भी हमारा इंतज़ार तो होगा

कभी उनकी आँखों से इज़हार होगा दिल के किसी कोने में हमारे लिए भी प्यार तो होगा गुज़र रही है रात उनकी याद में कभी उनको भी हमारा इंतज़ार तो…