रूठे हुए अपनों को मना लूंगा एक दिन
दिल का घर फिर से बसा लूंगा एक दिन

रूठे हुए अपनों को मना लूंगा एक दिनदिल का घर फिर से बसा लूंगा एक दिन लगने लगे जहाँ से हर मंज़र मेरा मुझेख़्वाबों का वो जहान बना लूंगा एक…

राहे रूकती हैं जब, ज़िन्दगी झुकती हैं तब
सर झुकता है जब, वक़्त रुकता हैं तब

राहे रूकती हैं जब, ज़िन्दगी झुकती हैं तबसर झुकता है जब, वक़्त रुकता हैं तब जमाना हसंता हैं जब, सांसें रूकती हैं तबबाहे दुखती हैं जब, हिम्मत रूकती हैं तब…

यह तुफान भी थम जाएंगे और रास्ते की कांटे भी हट जाएंगे

यह तुफान भी थम जाएंगे और रास्ते की कांटे भी हट जाएंगेऐ मुसाफिर यूं ना थक कर बैठ तेरे हौसले सेयह कायनात के असूल भी बदल जाएंगे…….वह बैठा है ऊपर,…

जाने क्यूँ आजकल, तुम्हारी कमी अखरती है बहुत
यादों के बन्द कमरे में, ज़िन्दगी सिसकती है बहुत

जाने क्यूँ आजकल, तुम्हारी कमी अखरती है बहुतयादों के बन्द कमरे में, ज़िन्दगी सिसकती है बहुत पनपने नहीं देता कभी, बेदर्द सी उस ख़्वाहिश कोमहसूस तुम्हें जो करने की, कोशिश…

आखिर क्यों मुझे तुम इतना दर्द देते हो
जब भी मन में आये क्यों रुला देते हो

आखिर क्यों मुझे तुम इतना दर्द देते होजब भी मन में आये क्यों रुला देते होनिगाहें बेरुखी हैं और तीखे हैं लफ्ज़ये कैसी मोहब्बत हैं जो तुम मुझसे करते हो…

तेरी बातों का असर
जो छाया है मेरे दिल पर

तेरी बातों का असरजो छाया है मेरे दिल परयक़ीनन मुझे तड़पाएगाअब ये रात भरसोचा भूल जाऊंगा तुझेअब करूँगा ना यादमगर दर्द ही मिला मुझे,तुझे भूल कर

निकल पड़ा हूँ उस रास्ते पे
जो कभी ख़त्म नहीं होता

निकल पड़ा हूँ उस रास्ते पेजो कभी ख़त्म नहीं होता रुक जाता उस वक़्त अगर तूने….एक बार भी रोका होता आते हैं आज भी वो सपनेजब कभी गलती से, मैं…

जाने क्यूँ आजकल, तुम्हारी कमी अखरती है बहुत
यादों के बन्द कमरे में, ज़िन्दगी सिसकती है बहुत

जाने क्यूँ आजकल, तुम्हारी कमी अखरती है बहुतयादों के बन्द कमरे में, ज़िन्दगी सिसकती है बहुत पनपने नहीं देता कभी, बेदर्द सी उस ख़्वाहिश कोमहसूस तुम्हें जो करने की, कोशिश…

ज़हर को दूध समझ कर कैसे पिया जाये
दिल हो अगर ज़ख़्मी तो उसे कैसे सिया जाये

ज़हर को दूध समझ कर कैसे पिया जायेदिल हो अगर ज़ख़्मी तो उसे कैसे सिया जाये जब खुद पर ही यकीन नहीं रहा मुझेतो तुझ पर यकीन अब कैसे किया…