आखिर क्यों मुझे तुम इतना दर्द देते हो
जब भी मन में आये क्यों रुला देते हो
आखिर क्यों मुझे तुम इतना दर्द देते होजब भी मन में आये क्यों रुला देते होनिगाहें बेरुखी हैं और तीखे हैं लफ्ज़ये कैसी मोहब्बत हैं जो तुम मुझसे करते हो…
Mili hayaat hi aisi ke haya bhi ro padi
Teri talash mein zalim saza bhi ro padi
Mili hayaat hi aisi ke haya bhi ro padiTeri talash mein zalim saza bhi ro padi Tujhe toot kar chaha aur itna chaha,Teri wafaa ki khatir wafa bhi ro padi…
Jab mujhse Mohabat hi nahi toh rokte kyu ho
Tanhayi mein mere baare mein sochte kyu ho
Jab mujhse Mohabat hi nahi toh rokte kyu hoTanhayi mein mere baare mein sochte kyu ho Jab manjile hi juda h toh jane do mujheLot ke kab aaoge ye puchte…
पत्थर के जिगर वालों ग़म में वो रवानी है
ख़ुद राह बना लेगा बहता हुआ पानी है
पत्थर के जिगर वालों ग़म में वो रवानी हैख़ुद राह बना लेगा बहता हुआ पानी है फूलों में ग़ज़ल रखना ये रात की रानी हैइस में तेरी ज़ुल्फ़ों की बे-रब्त…
ख़ुश रहे या बहुत उदास रहे
ज़िन्दगी तेरे आस पास रहे
ख़ुश रहे या बहुत उदास रहेज़िन्दगी तेरे आस पास रहे चाँद इन बदलियों से निकलेगाकोई आयेगा दिल को आस रहे हम मुहब्बत के फूल हैं शायदकोई काँटा भी आस पास…
काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो हमें यूँ रुसवा न किया जाता,
काश वो समझते इस दिल की तड़प को,तो हमें यूँ रुसवा न किया जाता,यह बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें,बस एक बार हमें समझ तो लिया होता।
काग़ज़ काग़ज़ हर्फ़ सजाया करता है,
तन्हाई में शहर बसाया करता है,
काग़ज़ काग़ज़ हर्फ़ सजाया करता है,तन्हाई में शहर बसाया करता है,कैसा पागल शख्स है सारी-सारी रात,दीवारों को दर्द सुनाया करता है,रो देता है आप ही अपनी बातों पर,और फिर खुद…
एक नजर भी देखना गंवारा नहीं उसे,
जरा सा भी एहसास हमारा नहीं उसे,
एक नजर भी देखना गंवारा नहीं उसे,जरा सा भी एहसास हमारा नहीं उसे,वो साहिल से देखते रहे डूबना हमारा,हम भी खुद्दार थे पुकारा नहीं उसे।
अगर ये ज़िद है कि मुझसे दुआ सलाम न हो,
तो ऐसी राह से गुज़रो जो राह-ए-आम न हो।
अगर ये ज़िद है कि मुझसे दुआ सलाम न हो,तो ऐसी राह से गुज़रो जो राह-ए-आम न हो। सुना तो है कि मोहब्बत पे लोग मरते हैं,ख़ुदा करे कि मोहब्बत…
हम दोस्ती एहसान वफ़ा भूल गए हैं ज़िंदा तो है जीने की अदा भूल गए हैं
हम दोस्ती एहसान वफ़ा भूल गए हैंज़िंदा तो है जीने की अदा भूल गए हैं ख़ुशबू जो लुटाती है मसलते हैं उसी कोएहसान का बदला यही मिलता है कली कोएहसान…