bāhar kā dhan aatā jaatā asal ḳhazāna ghar meñ hai
bāhar kā dhan aatā jaatā asal ḳhazāna ghar meñ hai har dhuup meñ jo mujhe saayā de vo sachchā saayā ghar meñ hai pātāl ke dukh vo kyā jāneñ jo…
baat bachchoñ kī thī laḌne ko siyāne nikle
baat bachchoñ kī thī laḌne ko siyāne nikle phir ajab kyā hai ki bachche bhī laḌāke nikle dhyān maañ rakhtī thī merā vo zamāne nikle haiñ yuuñ ab roz savere…
aao tum hī karo masīhā
aao tum hī karo masīhā.ī ab bahaltī nahīñ hai tanhā.ī tum ga.e the to saath le jaate ab ye kis kaam kī hai bīnā.ī ham ki the lazzat-e-hayāt meñ gum…
सच्चा दोस्त वही होता है जो हमे कभी गिरने न दे,
सच्चा दोस्त वही होता है जो हमे कभी गिरने न दे,वो न कभी किसी की नज़रो में गिरने दे,और न कभी किसी के कदमो में गिरने दे।
संभाले नहीं संभलता है दिल,
संभाले नहीं संभलता है दिल,मोहब्बत की तपिश से न जला,इश्क तलबगार है तेरा चला आ,अब ज़माने का बहाना न बना।
रोज साहिल से समंदर का नजारा न करो,
रोज साहिल से समंदर का नजारा न करो,अपनी सूरत को शबो-रोज निहारा न करो,आओ देखो मेरी नजरों में उतर कर खुद को,आइना हूँ मैं तेरा मुझसे किनारा न करो।
रोज साहिल से समंदर का नजारा न करो,
रोज साहिल से समंदर का नजारा न करो,अपनी सूरत को शबो-रोज निहारा न करो,आओ देखो मेरी नजरों में उतर कर खुद को,आइना हूँ मैं तेरा मुझसे किनारा न करो।
मुझ में लगता है कि मुझ से ज्यादा है वो,
मुझ में लगता है कि मुझ से ज्यादा है वो,खुद से बढ़ कर मुझे रहती है जरुरत उसकी।
मुकम्मल ना सही अधूरा ही रहने दो,
मुकम्मल ना सही अधूरा ही रहने दो,ये इश्क़ है कोई मक़सद तो नहीं है।
बहुत सुकून मिलता है जब उनसे हमारी बात होती है,
बहुत सुकून मिलता है जब उनसे हमारी बात होती है,वो हजारो रातों में वो एक रात होती है,जब निगाहें उठा कर देखते हैं वो मेरी तरफ,तब वो ही पल मेरे…