मै तुमको यहां सोचु तुम वहा समझ जाओ
रब करे मेरी यादों में तुम कुछ यूँ उलझ जाओ मै तुमको यहां सोचु तुम वहा समझ जाओ
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
रब करे मेरी यादों में तुम कुछ यूँ उलझ जाओ मै तुमको यहां सोचु तुम वहा समझ जाओ
क्यूँ किसी से इतना प्यार हो जाता है एक दिन का भी इंतजार दुष्वार हो जाता है लगने लगते है अपने भी पराये जब एक अजनवी पर ऐतबार हो जाता…
तेरी मोहब्बत में और मेरी फितरत में बस फर्क इतना है कि तेरा Attitude नहीं जाता और मुझे झुकना नहीं आता
बुलंदी की उड़ान पर हो अगर तो जरा सब्र रखो परिंदे बताते है कि आसमान में ठिकाने नहीं होते
Maana ki teri ek Aawaj se bheed ho jati hai Lekin ham bhi mahir hai Hamari ek lalkar se puri bheed bikhar jati hai
समझदार व्यक्ति वो नहीं जो ईट का जवाब पत्थर से दे समझदार व्यक्ति तो वो है जो फैंकी हुयी ईट से अपना आशियाना बनाले
लहरों को खामोश देखकर यह न समझना कि समुन्दर में रवानी नहीं है हम जब भी उठेंगे तूफ़ान बनकर उठेंगे बस उठने की अभी ठानी नहीं है
दिल जीत ले ऐसी नजर हम भी रखते है भीड़ में आये नजर वो हुनर हम भी रखते है वैसे तो वादा किया है किसी से हरदम मुस्कराने का नहीं…
टुटा हुआ फूल खुशबू दे जाता है बीता हुआ पल यादें दे जाता है कोई जिंदगी में प्यार तो कोई जिंदगी में प्यार दे जाता है
रात गुजारी फिर महकती सुबह आयी दिल धड़का फिर आपकी याद आयी आँखों ने महसूस किया उस हवा को जो आपको छूकर हमारे पास आयी