कितना अजीब अपनी जिंदगी का सफर निकला

कितना अजीब अपनी जिंदगी का सफर निकला सारे जहाँ का दर्द अपने मुकद्दर निकला जिसके नाम अपनी जिंदगी का हर लम्हा कर लिया अफ़सोस वही अपनी चाहत से बेखबर निकला

ख्वाबों का सफर हकीकत के साथ

ख्वाबों का सफर हकीकत के साथ निगाहों की तलाश नजर के साथ मंजिल की तलाश इन रास्तों के साथ तकदीर की तलाश ठोकरों के साथ मुमकिन की तलाश नामुमकिन के…

सफर ऐ जिंदगी का तू अकेला ही मुसाफिर है

सफर ऐ जिंदगी का तू अकेला ही मुसाफिर है बेगाने है ये सब जो अपनापन जताते है छोड़ जायँगे ये साथ एक दिन तेरा राहो में वो जो आज खुद…

तू सदा खुश रहे ये ही इल्तिज़ा है मेरी

जितने है आसमान में सितारे उतनी जिंदगी हो तेरी किसी की बुरी नजर ना लगे कामयाबी कदम चूमे तेरे आज दिन है दिल से दुआ करने का तू सदा खुश…